हेलो दोस्तों स्वागत है आपका इस आर्टिकल में दोस्तों आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की प्लाज्मा झिल्ली क्या है? (What is Plasma Membrane in Hindi?) तो चलिए बिना समय बर्बाद किये शुरू करते है।
दोस्तों सबसे पहले हम बात कर लेते है कि प्लाज्मा मेम्ब्रेन को Hindi में क्या कहते है।
What is Plasma membrane in Hindi meaning?
प्लाज्मा मेम्ब्रेन को हिंदी में प्लाज्मा झिल्ली कहते है। इसे कोशिका झिल्ली या जीवद्रव्य झिल्ली भी कहते है।
अब हम बात करेंगे प्लाज्मा झिल्ली के परिभाषा के बारे में तो चलिए इसके परिभाषा के बारे में भी जान लेते है।
प्लाज्मा झिल्ली क्या है? (What is Plasma Membrane in Hindi?)
प्लाज्मा झिल्ली की परिभाषा (Definition of Plasma Membrane in Hindi) –
कोशिका के अन्दर कोशिका द्रव्य पाया जाता है और यह कोशिका द्रव्य बाहर से एक झिल्ली द्वारा घिरा होता है। इसी झिल्ली को प्लाज्मा मेम्ब्रेन कहा जाता है, और यह प्लाज्मा मेम्ब्रेन कोशिकीय पदार्थो को बह जाने से रोकती है।
इस कोशिका झिल्ली की संरचना का अध्यन इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी की खोज (1950) के बाद हुआ। और सबसे पहले लाल रक्तकणिकाओ की कोशिका झिल्ली का अध्यन किया गया।
जिसके बाद यह पता चला कि कोशिका झिल्ली मुख्यरूप से लिपिड और प्रोटीन से बनी है। जिसमें लिपिड मुख्यरूप से फॉस्फोलिपिड होते है। और ये दो सतह में व्यवस्थित होते है। लिपिड जो है वह झिल्ली के अन्दर होता है। इसके दो भाग होते है। एक ऊपर की ओर शीर्ष भाग जिसे ध्रुवीय शिरा कहते है।
एक अन्दर की तरफ पुच्छ की तरह होता है जिसे अध्रुवीय शिरा कहते है। ध्रुवीय शिरा जो होता है उसे जल स्नेही कहते है क्योकि यह जल की तरफ आकर्षित होता है और अध्रुवीय शिरा या पुच्छ शिरा जो होता है उसे जल विरोधी कहते है क्योकि यह जल से दूर भागता है।
फॉस्फोलिपिड झिल्ली में कोलेस्ट्राल, कार्बोहाइड्रेट भी होता है।
लिपिड वसा अम्ल और ग्लिसरोल से मिलकर बना होता है। पुच्छ शिरा वसा अम्ल से बना होता है और ध्रुवीय शिरा ग्लिसरोल से बना होता है। और लिपिड जो है वह तरलीय होता है। और इस तरलीय भाग में प्रोटीन फैले होते है जो ठोस भाग बनाते है। ठोस और तरल भाग मिलकर कोशिका झिल्ली को अर्धतरलीय बनाते है।
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कोशिका झिल्ली में प्रोटीन और लिपिड के मात्रा कितनी होती है?
देखिए अलग – अलग कोशिकाओ में प्रोटीन और लिपिड की मात्रा या अनुपात अलग – अलग होती है। लेकिन मानव की रुधिराणु (erythrocytes) या R.B.C की झिल्ली में प्रोटीन की मात्रा लगभग 52% होती है और लिपिड की मात्रा लगभग 40% होती है। बाकि 8% में कार्बोहाइड्रेट, कोलेस्ट्रोल, और जल होते है।
इसमें प्रोटीन दो प्रकार होती है।
- परिधीय प्रोटीन (Peripheral protein or extrinsic proteins)
- अंगभूत प्रोटीन (Integral or intrinsic proteins)
परिधीय प्रोटीन (Peripheral protein or extrinsic proteins) –
यह प्रोटीन झिल्ली की बाहरी सतह से जुडी होती है।
अंगभूत प्रोटीन (Integral or intrinsic proteins) –
ये वह प्रोटीन होते है जो लिपिड के अन्दर आंशिक रूप से या पूर्णरूप से धंसे होते है। जो आशिक रूप से धंसे होते है उन्हें वाहक प्रोटीन कहते है क्यों कहते है इसे आप आगे जानेंगे।
एक और बात इस समय हम यूकैरियोटिक कोशिका झिल्ली का अध्यन कर रहे है।
यूकैरियोटिक कोशिका झिल्ली चयनित पारगम्य झिल्ली होती है। जबकि प्रोकैरियोटिक कोशिका में कोशिका झिल्ली अर्धपारगम्य झिल्ली होती है।
अर्धपारगम्य झिल्ली और चयनित पारगम्य झिल्ली में क्या अंतर है?
अर्धपारगम्य झिल्ली –
वह झिल्ली जिसमे से केवल विलायक या जल ही अंदर जाएगी तो ऐसे झिल्ली को अर्धपारगम्य झिल्ली कहते है।
जैसे – हमने एक बीकर लिया उसमे हमने अर्धपारगम्य झिल्ली लगाकर दो भागो में बाट दिया अब हमने एक भाग में जल और सोडियम आयन का विलयन डाला और दूसरे भाग में जल और पोटेशियम आयन का विलयन डाला अर्थात दोनों विलयन है। अब हमने देखा कि इस झिल्ली से सिर्फ जल ही दूसरी तरफ जा रहा है। आयन नही जा रहा है तो ऐसी झिल्ली जो सिर्फ विलायक (जल) को ही अन्दर जाने देती है अर्धपारगम्य झिल्ली कहलाती है।
चयनित पारगम्य झिल्ली –
वह झिल्ली जो एक निश्चित विलेय का चयन करके उसको जाने देगी तो ऐसे झिल्ली को चयनित पारगम्य झिल्ली कहते है।
जैसे – हमने एक बीकर लिया उसमे हमने चयनित पारगम्य झिल्ली लगाकर दो भागो में बाट दिया अब हमने एक भाग में जल और सोडियम आयन का विलयन डाला और दूसरे भाग में जल और पोटेशियम आयन का विलयन डाला अर्थात दोनों विलयन है।
अब हमने देखा कि यह झिल्ली सोडियम आयन को दूसरी तरफ जाने दे रही है, और पोटेशियम आयन को नही जाने दे रही है तो इस झिल्ली ने क्या किया, इसने चयन किया किसका विलेय का। यानि कि एक ऐसी झिल्ली जो एक निश्चित विलेय का चयन करके उसे अन्दर जाने देगी तो ऐसी झिल्ली को चयनित पारगम्य झिल्ली कहते है।
निष्क्रिय परिवहन किसे कहते है?
कोशिका झिल्ली चयनित अणुओ को कोशिका के अन्दर जाने देती है जिसमे ऊर्जा की जरूरत नहीं होती है तो इस विधि को निष्क्रिय परिवहन कहते है। और इसमें अणुओ का प्रवाह उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर होता है जिसके कारण ऊर्जा की आवश्यकता नही होती है इस प्रक्रिया को विसरण कहते है।
परासरण किसे कहते है?
जब उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर जल प्रवाह होता है तो उसे परासरण कहते है। या जल का विसरण परासरण कहलाता है।
जल में घुलनशील और वसा या लिपिड या तेल में घुलनशील पदार्थ कोशिका में कैसे जाते है?
हम लोग पढ़ चुके है कि कोशिका झिल्ली में लिपिड और प्रोटीन की सबसे अधिक मात्रा होती है। अब जो लिपिड या वसा या तेल में घुलनशील पदार्थ है वो तो आसानी से इनमे घुलकर कोशिका के अन्दर चले जायेंगे। इस प्रक्रिया को सामान्य विसरण कहते है लेकिन जो जल में घुलनशील पदार्थ है वो नही जा पायेगे क्योकि ये वसा में घुल नही पाएंगे।
लेकिन इनकी भी कोशिका के अन्दर आवश्यकता है इन्हें भी जाना जरूरी है अब ये पदार्थ अन्दर जाने के लिए आंशिक अंगभूत प्रोटीन से जुड़ जायेगे और यह प्रोटीन फ्लिप – फ्लॉप करके पदार्थ को अन्दर पंहुचा देती है। इसीलिए इसे वाहक प्रोटीन कहते है। इस प्रोटीन का एक शिरा कोशिका के अन्दर होता है और एक शिरा कोशिका झिल्ली से बाहर होता है यह पूर्णरूप से न तो कोशिका झिल्ली के बाहर और न ही अन्दर होता है इसलिए इसे आंशिक अंगभूत प्रोटीन कहते है।
अब एक जरूरी बात ये जो जल में घुलनशील पदार्थ है इसकी सांद्रता बाहर अधिक है और कोशिका के अन्दर कम है तो यह उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओ जा रहा है लेकिन यह किसी की सहायता से अन्दर जा रहा है। तो इस प्रक्रिया को सुसाध्यविसरण कहते है।
एक और जरूरी जानकारी जब जल में घुलनशील पदार्थ की सांद्रता कम हो जाती है तब भी वह कोशिका के अन्दर जाएगी क्यों जाएगी क्योकि उसकी वहाँ जरूरत है और जब निम्न सांद्रता से उच्च सांद्रता की ओर जाएगी तो ऊर्जा खर्च होगी और जब ऊर्जा खर्च होती है तो इस प्रक्रिया को सक्रिय परिवहन कहते है। और जो वाहक प्रोटीन ऊर्जा खर्च करके जल में घुलनशील पदार्थ को निम्न सांद्रता से उच्च सांद्रता में लाने के लिए जिम्मेदार होता है तो उसे हम पंप प्रोटीन कहते है।
दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको, प्लाज्मा झिल्ली क्या है? (What is Plasma Membrane in Hindi?) इसके बारे में दी गई जानकारी पसंद आयी होगी अगर पसंद आयी है तो इसे अपने फेसबुक और अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिये जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके।
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