राइबोसोम क्या है? प्रकार, खोज, कार्य, Ribosome in Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज हम लोग इस आर्टिकल में राइबोसोम क्या है? (What is Ribosome in Hindi) के बारे में स्टेप बाई स्टेप अध्ययन करेंगे तो चलिए समय न बर्बाद करते हुए स्टार्ट करते है।

राइबोसोम क्या है?(What is Ribosome in Hindi?)

राइबोसोम कोशिका में पाए जाने वाले छोटे कोशिकांग है, जो कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है। राइबोसोम में शर्करा के अधिकता के कारण इन कणों को राइबोसोम नाम दिया गया है। राइबोसोम का व्यास 150-200 एंगस्ट्राम होता है।

राइबोसोम की खोज किसने की थी?

राइबोसोम का खोज सर्वप्रथम बैज्ञानिक Palade ने 1955 में इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी की सहायता से सघन कणों में देखा था या खोजा था।

राइबोसोम कितने प्रकार के होते हैं? (How many type of Ribosome in Hindi?)   

कोशिका में अपने स्थिति एवं प्रकार के अनुसार ये निम्नलिखित दो प्रकार के हो सकते है।

प्रोकैरियोटिक राइबोसोम (Prokaryotic Ribosome in Hindi) –

प्रोकैरियोटिक राइबोसोम 70S प्रकार के होते है। इनमे RNA एवं प्रोटीन का अनुपात 1:1 तथा इनका अणुभार 2.8*106 डाल्टन होता है। इनकी दो उपइकाईया 50S और 30S होती है बैज्ञानिक लेक (Lake) ने 1985 में प्रोकैरियोटिक राइबोसोम का संरचनात्मक मॉडल (Structural model) दिया।

इनमे तीन प्रकार के rRNA होते है।

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23S rRNA, 16S rRNA, 5S rRNA, पाए जाते है।

70S प्रोकैरियोटिक राइबोसोम का लेक मॉडल –
  • 30S उपइकाई –

30S प्रोकैरियोटिक राइबोसोम का छोटा उपइकाई है। यह असममितीय और छड की तरह दिखाई देता है। यह आंशिक रूप से दो लोब्स में गहरा अनुप्रस्थ विभाजित या ग्रूव द्वारा बटा होता है। इसके छोटे भाग को हेड या सिर और बड़े भाग को बेस या आधार कहा जाता है। इसके बेस भाग से एक छोटा – सा अपवृद्धि या आउटग्रोथ निकला होता है। इसे प्लेटफ़ॉर्म कहते है।

30S उप इकाई का अणुभार 1.0 मिलियन डाल्टन होता है। यह 16S rRNA और 21 प्रोटीन के एक अणु का निर्माण करता है।

  • 50S उपइकाई –

यह बड़ा उपइकाई होता है। इसका ढाँचा थोडा बहुत गोलाकार के रूप में होता है, इसे समतल पर रखने पर इसके अग्र छोर पर तीन उभार होते है। पहला बीच में होता है, जिसे केन्द्रीय प्रक्षेप (Central Projection) कहते है, और दूसरा पीछे होता है, जिसे पार्श्विक प्रक्षेप (Lateral Projection) कहते है।

50S उप इकाई का अणुभार 1.8 मिलियन डाल्टन होता है। यह 23S rRNA का एक अणु, 5S rRNA का एक अणु और 34 प्रोटीन का निर्माण करता है।

एक राइबोसोम में, दो उपइकाईया इस प्रकार फिट होते है, की उनके बीच एक सुरंग का निर्माण होता है। प्रोटीन संश्लेषण के दौरान mRNA इस सुरंग के माध्यम से थ्रेडेड होता है।   

यूकैरियोटिक राइबोसोम (Eukaryotic Ribosome) –

यूकैरियोटिक राइबोसोम 80S प्रकार के होते है। इनमे RNA एवं प्रोटीन का अनुपात 1:2 होता है तथा इसका अणुभार 4.2*106 डाल्टन होता है। इनके दो उप इकाईया 60S और 40S होती है।

Eukaryotic Ribosome
Eukaryotic Ribosome in Hindi
  • 60S उपइकाई –
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इसका अणुभार 2.7 मिलियन डाल्टन होता है। इसमें 28S rRNA, 5S rRNA, और 5.8S rRNA और 40 अलग – अलग प्रोटीन होती है। इनके पास आगे की ओर और तीन प्रोजेक्शन होते है।

  • 40S उप इकाई –

इसका अणुभार 1.5-1.8 मिलियन डाल्टन होता है। इसके पास 1.8 rRNA और 30 अलग – अलग पॉलीपेप्टाइड होते है।

इनमे चार प्रकार के rRNA होते है।

18S rRNA, 28S rRNA, 5S rRNA, 5.8S rRNA पाए जाते है।

राइबोसोम के कार्य (Function of Ribosome in Hindi) –

राइबोसोम कोशिका में प्रोटीन निर्माण का काम करते है, किन्तु अकेला राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण नहीं कर सकता। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण तभी कर सकते है। जब ढेर सारे राइबोसोम MRNA पर रैखिक क्रम में व्यवस्थित हो जाते है। राइबोसोम की यह अवस्था पालीसोम या पालीराइबोसोम अवस्था कहलाती है।

यही वह अवस्था है, जब राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में भाग लेते है। शुरुआत में राइबोसोम के उपइकाईया (subunit) साइटोप्लाज्म में अलग – अलग बिखरी होती है। राइबोसोम की इन दोनों उपइकाइयों को एकीकृत करने का कार्य मैग्नीशियम आयन Mg2+ करते है ज्यो ही Mg2+ का सांद्रता 0.001M पहुचती है। राइबोसोम दोनों सबयूनिट आपस में जुड़ करके पूर्ण राइबोसोम बना लेती है। जैसे ही यह सांद्रता 10 गुना बढ़ करके 0.01 M पहुचती है तो दो राइबोसोम आपस में जुड़ने लगते है, और अंततः पालीसोम अवस्था का निर्माण करते है। 

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धन्यवाद

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