द्रव्य अथवा पदार्थ वह वस्तु है जिसमे द्रव्यमान तथा आयतन होता है, द्रव्य कहलाता है जिसे हम देखते है। और अनुभव करते है।
द्रव्य के चार मूल तत्व होते है।
अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी है।
द्रव्य की मुख्यतः पांच अवस्थाये होती है।
1. ठोस अवस्था
2. द्रव अवस्था
3. गैसीय अवस्था
4. प्लाज्मा अवस्था
5. बोस आइन्स्टीन कंडेनसेट
वे पदार्थ जिनके आकार तथा आयतन दोनों निश्चित होते है, तो पदार्थ की इस अवस्था को ठोस अवस्था कहा जाता है।
वे भौतिक अवस्थाये जिनके आयतन तो निश्चित होते है परन्तु आकार निश्चित नहीं होते है। तो ऐसी भौतिक अवस्था को द्रव अवस्था कहा जाता है।
वे भौतिक अवस्थाये जिनके आयतन तथा आकार दोनों अनिश्चित होते है। परन्तु ये जिस बर्तन में रखे जाते है। उसी का आकार ग्रहण कर लेते है तो ऐसी ही भौतिक अवस्था को गैसीय अवस्था कहते है।
प्लाज्मा अवस्था अति उच्च ताप पर संभव होती है, द्रव्य की इस अवस्था में द्रव्य मुक्त अति ऊर्जावान तथा आवेशो का संग्रह होता है इसमें ऋणावेशित (e-) इलेक्ट्रान होते है तथा धनावेशित आयन होते है।
जब दो या दो से अधिक शुद्ध द्रव्यों को किसी भी अनुपात में मिलाने पर जो पदार्थ बनता है, उसे ही मिश्रण कहा जाता है।
जब दो या दो से अधिक तत्वों की द्रव्यानुसार एक निश्चित अनुपात में मिलाने पर जो पदार्थ बनता है, उसे ही यौगिक कहते है।