Binomial Nomenclature in Hindi | जानिए A-Z आसान भाषा में

नमस्कार दोस्तों फिर से स्वागत है, आपका हमारे इस नए आर्टिकल में अगर आप जानना चाहते है, कि द्विनाम पद्धति क्या है? what is binomial nomenclature? तो यह आर्टिकल आप के लिए है। इसमें आपको द्विनाम पद्धति के बारे में स्टेप बाई स्टेप जानने को मिलेगा।

द्विनाम पद्धति क्या है? What is binomial nomenclature in hindi?

अगर आप अच्छी तरह से what is binomial nomenclature समझना चाहते है, तो पहले आपको nomenclature क्या होता है? इसे समझना होगा तो सबसे पहले हम nomenclature के बारे में जान लेते है। उसके बाद द्विनाम पद्धति क्या होता है? (what is binomial nomenclature) इसके बारे में जानेगे।

जीव विज्ञान में नामकरण पद्धति क्या है? What is nomenclature in Biology in hindi?

Giza, Inimene, Emberi, Manna, Doanna, Umano

हो सकता है, आपके लिए ये शब्द नए हो लेकिन इन सभी शब्दों का मतलब एक ही है “मानव” इसे विदेशी भाषाओ में अलग -अलग नाम से जानते है।

पूरे विश्व में 6000 से अधिक भाषाए बोली जाती है। अब किसी एक जीव का नाम भाषाओ अनुसार अलग होता है। जैसे हाथी एक हिंदी भाषा है इसी तरह अंग्रेजी में इसे Elephant नाम से बुलाते है और इसे संस्कृत भाषा में गजः नाम से बुलाया जाता है। इसी तरह जितनी भाषा बोली जाती है उतने नाम भी होंगे। अब यह किसी के लिए भी अच्छा नहीं हो सकता है अब आप ही बताओ की कोई भी कितनी भाषाए याद रख सकता है।

इसलिए नामकरण करने की आवश्यकता उत्पन्न हुई। उसके बाद पूरे विश्व ने सभी जीवों के लिए वैज्ञानिकी नामकरण प्रणाली को स्वीकार किया है।

what is Binomial nomenclature in hindi

“वह प्रक्रिया जिसमे जीवों को बैज्ञानिक नाम दिया जाता है, Nomenclature कहलाता है, या वर्गिकी समूह को nomenclature कहते है”।

उदाहरण के लिए – जिस तरह पूरे विश्व में बैज्ञानिक नाम Homo sapiens जो है। वह मानव को प्रदर्शित करता है।

वर्गीकरण और समूहीकरण प्रत्येक जीव के यूनिक विशेषता और उसके बहुत नजदीक सम्बंधित प्रजाति के बीच आन्तरिक सम्बन्ध को गहराई से समझने की सुबिधा प्रदान करता है।

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किसी ज्ञात प्रजाति के आधार पर उनकी समानता और असमानता के व्यवस्थापन में यह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं किसी भी जीव का नाम रखने से पहले उसके कई सरे विशेषताओ की जाँच की जाती है। जैसे उसका आकार कैसा है,वह रहता कहाँ है या आवास, वह क्या क्या खाता है। वह मांसाहारी ,शाकाहारी या सर्वाहारी है, उसका पैटर्न कैसा है, उसका आनुवांशिक जानकारी भी लिया जाता है। उसके अनुकूलन के बारे में जानकारी ली जाती है, और उसका विकास कैसे होता है इत्यादि जांचे की जाती है।

व्यवस्थित जीव विज्ञान का सबसे पहला जिम्मेदारी जैविक नामकरण और वर्गीकरण का विकास है। व्यवस्थितकरण और वर्गीकरण से नामकरण समाप्त नही होता है। लेकिन इससे जैव विविधता के बारे में आवश्यक जानकारियां मिल जाती है। नामकरण की प्रक्रिया जीवन के वर्गीकरण में सभी स्तर पर और सभी taxa के लिए नाम प्रदान करता है।

जन्तुओ का नामकरण International Code of Zoological Nomenclature (ICZN) के गाइडलाइन्स यानि की नियम पर आधारित होता है। बैज्ञानिक नाम प्रत्येक जीव का केवल ही नाम सुनिश्चित होता है यानि वह नाम किसी दूसरे जीव का नाम नही हो सकता है।

अब आप अच्छी तरह से समझ पाएंगे कि द्विनाम पद्धति नामकरण what is binomial nomenclature? क्या होता है।

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What is binomial nomenclature in hindi?

Binomial nomenclature दो शब्दों से मिलकर बना है।
पहला Bi = two और दूसरा Nomen = Name होता है।
जीव बैज्ञानिको ने विश्व के सभी नियमो का पालन करते हुए किसी जीव को बैज्ञानिक नाम दिए है। प्रत्येक बैज्ञानिक नाम दो घटकों से मिलकर बना होता है। पहला वंश का नाम होता है, और दूसरा प्रजाति नाम होता है।
“जीवों के नामकरण की इस प्रणाली को Binomial Nomenclature कहते है यह प्रणाली को सबसे पहले Carolus Linnaeus द्वारा दिया गया था, और इसके बाद विश्व के सभी जीव बैज्ञानिको ने इसपर अभ्यास और कार्य किया”।
उदाहरण के लिए – भारतीय राष्ट्र पक्षी भारतीय मोर (Indian Peafowl) है। इसका बैज्ञानिक नाम Pavo cristatus है। इसी तरह राष्ट्रीय पशु बाघ (tiger) है इसका बैज्ञानिक नाम Panthera tigris है।

अभी तक तो हम लोगो ने What is nomenclature और What is Binomial nomenclature के बारे में जाना है। अब इसके नियम के बारे में जान लेते है।   

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Rules and Recommendations of Nomenclature –

  1. किसी भी पादप का नामकरण International code of botanical nomenclature (ICBN) समिति करती है कैसे करती है। 
  2. देखिये मान लेते है कि हमने एक पादप को देखा और हमें लगा की यह पादप अलग प्रजाति की है तो हमने इस पादप को इन्टरनेट पर सर्च किया और देखा कि इस पादप का तो इन्टरनेट पर कही नामो निशान ही नहीं है या इस पादप का हमारे बायोडायवर्सिटी में कही पर जिक्र ही नही किया गया है तो इस स्थिति में हम इस समिति को ईमेल करेंगे की मैंने एक नए पादप को खोजा है, उस पादप के बारे में और भी जानकारी देंगे और साथ में उसकी इमेज को भेज देंगे उसके बाद उस समिति से रिप्लाई आएगी और उस पादप पर वैज्ञानिक लोग अध्ययन करेंगे उसके बाद उस पादप का एक नाम रखेंगे जो एकदम यूनिक होगा इसी प्रक्रिया को Nomenclature कहते है।
  3. इसी तरह किसी भी जंतु का नामकरण International Code of Zoological Nomenclature (ICZN) समिति करती है जैसे मैंने ऊपर बताया ठीक वही प्रक्रिया इसमें भी होता है।
  4. इसी तरह किसी भी बैक्टीरिया का नामकरण International code of nomenclature of bacteria (ICNB) समिति करती है। 
  5. इसी तरह किसी वायरस का नामकरण International code of virus classification and nomenclature (ICVCN) समिति करती है। 
  6. इसी तरह किसी भी उगने वाले पादप या फसल का नामकरण International code of nomenclature for cultivated plant (ICNCP) समिति करती है। 
  7. एक और महत्वपूर्ण बात कि पूरे ब्राह्मण में एक प्रजाति का केवल एक ही नाम होगा जैसे – मानव को होमो सेपियन्स कहा जाता है अब मानव में कोई भी हो रोहन, सोहन, प्रदीप, राजू या कोई दूसरे देश का ही क्यों न हो सभी मानव को होमो सेपियन्स ही कहा जायेगा।

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द्विनाम पद्धति या द्विपद नामकरण (Binomial nomenclature in hindi) –

  • जितने भी जीव बैज्ञानिक (Biologists) है, उन्हें नए जीव को Scientific name देने वाली अन्तराष्ट्रीय समिति के नियम और सिधांतो को स्वीकार करना होता है। इस नियम के खिलाफ किसी को नाम देने की इजाजत नही होती है।
  • किसी भी जीव को वैज्ञानिक नाम देने के लिए हमें द्विनाम पद्धति (Binomial nomenclature) सिस्टम को फॉलो करना होता है, और इस नियम को वैज्ञानिक Carolus Linnaeus द्वारा विकसित किया गया है। 
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नामकरण के मूलभूत सिद्धांत (Basic Principles of Nomenclature) –  
  1.  जीवो के वर्गीकरण और नामकरण मे नियमितता  पर जोर दिया गया है। किसी भी taxon के पास केवल एक सही नाम होना चाहिए।      
  2. यदि पहले से दो या अधिक नाम हो तो वहीं सही नाम होगा, जो प्रयोग मे पहले प्रकाशित हुआ था। यह पद्धति “प्राथमिकता के नियम” से संबंधित है।
  3. यदि दो या अधिक कर्ता (वैज्ञानिक) एक ही समय पर समान जीव के वर्णन मे अलग अलग नामों का प्रयोग करते है, तो इसका परिणाम “पर्यायवाची” में होगा। इसलिए केवल एक उचित नाम मान्य होगा। बशर्ते कि वरिष्ठ समानार्थी की मान्यता होती है। (यह प्राथमिकता का नियम है।
  4. जब दो भिन्न taxa से संबंधित नाम का नामकरण स्तर मे दोनो नामों का उच्चारण एक जैसा हो तो इसे समनाम (Homonyms) शब्द कहते है। यह स्थिति तब पैदा हुआ जब दो अलग अलग लेखक दो अलग taxa से संबंधित से जीव या वस्तु का एक जैसा नाम या समान नाम का प्रयोग किया गया था। इस स्थिति को समनाम कहा जाता है। इस स्थिति मे कनिष्ठ या छोटा नाम अमान्य हो जाता है, और एक अज्ञात पुनः स्थापन के लिए प्रस्तावित हो जाता है।
  5. एक पदार्थ जो एक मौलिक विवरण पर आधारित होता है उसे एक स्पेशल दर्जा प्राप्त होती है यह विचार “Type concept” कहलाता है। इस प्रकार एक genus और species concept उनके type genus या type species के द्वारा निर्धारित की जाती है।
  6. दशवें संस्करण के “Systema Naturae” में linnaeus द्वारा उन लोगों से पहले उपयोग किए जाने वाले नाम 1758 मे मान्यता प्राप्त नहीं है।
  7. वैज्ञानिक नाम लैटिन या latinaized दोनों मे से कोई एक होना चाहिए, और नाम तिरछे अक्षरों (Italic) मे अंकित होना चाहिए।  
  8. वंश या जीनस सिंगल शब्द हो और प्रारम्भ का पहला अक्षर बड़े लेटर्स मे होना चाहिए।
  9. species का नाम सिंगल या mixture शब्द हो और इसका प्रारम्भ छोटे अक्षर से होता है।

Conclusion

इस आर्टिकल में हम लोगो ने what is Nomenclature, what is Binomial nomenclature और इसके नियम के बारे में जाना।

तो दोस्तों Binomial Nomenclature in Hindi के बारे में दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी कमेन्ट करके जरूर बताइए और यदि कोई सवाल आपके मन में हो तो कमेंट कीजिये हम आपकी पूरी सहायता करेंगे।

Thank you so much 

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