दोस्तों केन्द्रक किसे कहते हैं पूरी तरह से यह जानने के लिए आपको इस लेख को स्टेप बाई स्टेप पूरा पढ़ना होगा क्योकि इस लेख में हम आपको बताएँगे कि kendrak kise kahate hain, इसकी खोज किसने की, इसके अध्ययन को क्या कहते हैं, इसकी संरचना कैसी है इसका कार्य क्या है ऐसे कई सवालो के जवाब हम इस लेख में जानेंगे तो चलिए बिना समय बर्बाद किये शुरू करते हैं।
केन्द्रक किसे कहते हैं? What is Nucleus in Hindi?
केंद्रक कोशिका द्रव्य में पाए जाने वाली एक गोल संरचना होती है जिसमें अनुवांशिक पदार्थ उपस्थित होता है। केन्द्रक कहलाता है। केंद्रक कोशिका के सभी कार्यों को नियंत्रित करता है इसलिए इसे कोशिका का डायरेक्टर भी कहा जाता है।
केंद्रक की खोज किसने की थी।
केंद्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने 1831 में orchid नामक पौधे की जड़ों में की थी।
केन्द्रक का अध्ययन क्या कहलाता है?
केन्द्रक के अध्ययन को karyology कहा जाता है।
वैज्ञानिक फ्लेमिंग केंद्रक का अध्ययन कर रहे थे और उन्होंने बताया कि केंद्रक के अंदर एक जाल मिल रहा है और अगर इस जाल को देखना है तो उस पर एक क्षारीय डाई डालना पड़ रहा है और उस डाई का नाम acetocarmine है। केंद्रक के अंदर यह जो जाल था इस जाल को फ्लेमिंग ने क्रोमैटिन नाम दिया तो क्रोमैटिन शब्द किसने दिया वैज्ञानिक फ्लेमिंग ने दिया किसे दिया केंद्रक के अंदर जो जाल जैसी संरचना थी।
केन्द्रक को किसका डायरेक्टर कहा जाता है?
केंद्रक को कोशिका का डायरेक्टर कहा जाता है। यह वैज्ञानिक Hammerling ने बताया था इन्होंने सबसे बड़ी हरी शैवाल का अध्ययन किया जिसका नाम Acetabularia था और बताया कि केंद्रक जो है वह कोशिका का डायरेक्टर है। जिस तरह हमारे शरीर का डायरेक्टर मस्तिष्क होता है। उसी तरह कोशिका का डायरेक्टर केन्द्रक होता है।
दोस्तों कोशिका में केन्द्रक एक पाए जाते हैं या दो या बहुत सारे पाए जाते हैं या पाए ही नहीं जाते हैं। तो दोस्तों ज्यादातर कोशिकाओं में एक केंद्रक पाए जाते हैं और पैरामीशियम में दो केन्द्रक पाए जाते हैं। परिपक्व RBC और चालनी नलिका में केंद्रक नहीं पाए जाते हैं।
अब प्रश्न उठता है कि क्या कोई ऐसी कोशिका है जिसमें बहुत से केंद्रक पाए जाते हैं। हां बहु केंद्रकीय की अवस्था भी पाई जाती है यानी की बहुत से केंद्रक भी पाए जाते हैं कोशिका में और ऐसी कोशिका जिसमें बहुत सी केंद्रक पाए जाते हैं उन्हें संकोशिका coenocyte कहते हैं और ऐसी अवस्था बहु केंद्रकीय अवस्था कहते हैं।
अब प्रश्न उठता है कि किन कोशिकाओं में बहु केंद्रक पाए जाते हैं। हमारी मांसपेशी कोशिकाएं जो होती हैं उनमें बहु केंद्रक पाए जाते हैं। हमारे शरीर में भी मांसपेशी तीन प्रकार के पाए जाते हैं। रेखित मांसपेशी या कंकाली मांसपेशी, हृदय मांसपेशी और चिकनी मांसपेशी। रेखित या कंकाली मांसपेशी की कोशिकाओं में बहुत सारे केंद्रक पाए जाते हैं।
यह तो हो गया जंतु कोशिकाओं के बारे में, अब बात करते हैं पादप कोशिकाओ के बारे में, बहुत से केन्द्रक पादप के tapetum में उपस्थित होते हैं जो anther की अंदर वाले स्तर में पाया जाता है और भ्रूणपोष में बहुत से केंद्रक उपस्थित होते हैं जैसे नारियल का पानी जो एक प्रकार का भ्रूणपोष है।
केंद्रक की संरचना (Structure of Nucleus)
अंतरकाल अवस्था की संरचना
यह अवस्था दो कोशिका विभाजनों के बीच का समय होता है। इस समय के दौरान, कोशिका उन सभी पदार्थों का संश्लेषण और भंडारण करती है जो कोशिका विभाजन के लिए जरूरी होती है। यह काम करने के बाद कोशिका अपने आप को विभाजित करने के लिए तैयार हो जाती है। इस समय को तैयारी अवस्था या Preparatory phase भी कहा जाता है। विकास करने की प्रक्रिया को तीन अवस्थाओं में बांटा किया गया है।
- G1-प्रावस्था (G1-substatge)
- S-प्रावस्था (S-substage)
- G2-प्रावस्था (G2-substage)
G1-प्रावस्था या सूत्री विभाजन के बाद की अवस्था और G0-प्रावस्था –
इस अवस्था में पुत्री कोशिका, कोशिका द्रव्य का संश्लेषण करती है जिसके कारण पुत्री कोशिका का आकार बढ़ता है। कोशिका द्रव्य के संश्लेषण में यह एंजाइम, mRNA, tRNA, राइबोसोम, प्रोटीन आदि का संश्लेषण करके उन्हें संग्रहित करता है, इसके साथ – साथ DNA replication के लिए जरूरी नाइट्रोजन क्षारो का भी संश्लेषण करता है। इस अवस्था में गुणसूत्र पतले, महीन धागों में फैले होते हैं और एक inter-woven क्रोमैटिन जाल बनाते हैं।
स्तनधारियों में कुछ कोशिकाए होती है जो विभाजन नही करती है उदाहरण के लिए, रक्त या तंत्रिका कोशिकाओं के लिम्फोसाइट्स, कोशिका चक्र इस अवस्था में एक बिंदु पर रुक जाता है। जिस बिंदु पर रुकता है उस अवस्था को G0 अवस्था कहा जाता है। और जब ऐसी कोशिका विभाजन के लिए तैयार होती है, तो वह G1 अवस्था में प्रवेश करती है।
2. S-प्रावस्था या डीएनए संश्लेषण प्रावस्था –
इस अवस्था में निम्लिखित कार्य होते है।
- इस अवस्था में डीएनए का replication होता है।
- हिस्टोन (प्रोटीन) का संश्लेषण होता है जो डीएनए से जुड़े होते हैं।
- इस अवस्था में कोशिका चक्र का लगभग 30-50% समय लगता है।
3. G2-प्रावस्था या सूत्री विभाजन के पहले की अवस्था –
इस अवस्था में, केन्द्रक में डीएनए की मात्रा दोगुनी होती है। इसमें राइबोसोमल RNA, मैसेंजर RNA और nucleolar RNA के संश्लेषण के कारण केन्द्रक द्रव्य की मात्रा अधिक हो जाती है। इतना ही नही कोशि
केंद्रक झिल्ली किसे कहते हैं (What is nuclear membrane in hindi)
दोस्तों केन्द्रक चारो ओर से दोहरी झिल्ली से घिरा होता है जिसे केन्द्रक झिल्ली कहते हैं। केंद्रक आवरण दोहरा आवरण होता है। यानी कि दो झिल्ली पाई जाती है। एक बाहर की तरफ होता है और एक अंदर की तरफ होता है। जिसमे बाहरी झिल्ली खुरदुरी एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम (Rough Endoplasmic Reticulum) से जुड़ा होता है और अंदर की जो झिल्ली होती है वह कुछ प्रोटीन से जुड़ी होती है जिनको Plasmin प्रोटीन कहा जाता है। यह plasmin प्रोटीन केंद्रक आवरण के आकार को बनाए रखते हैं।
ये केंद्रक आवरण एक दूसरे से कुछ-कुछ जगहों पर जुड़े होते हैं। जब ये केंद्रक आवरण एक दूसरे से जुड़ जाते हैं तो छिद्र बन जाता है और इन छिद्रों को केंद्रक छिद्र (Nuclear pore) कहा जाता है। और केंद्रक के अंदर जो द्रव्य पाया जाता है उसे केंद्रक द्रव्य (Nucleoplasm) कहते हैं और जो केंद्र के बाहर द्रव्य पाया जाता है उसे कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) कहते हैं।
अब इन दोनों द्रव्यों के बीच छिद्रों द्वारा एक्सचेंज होगा किसका एक्सचेंज होगा प्रोटीन और RNA का। लेकिन यह कैसे तय होगा कि RNA और प्रोटीन ही एक्सचेंज होंगे। तो यह नियंत्रित कौन करेंगे कुछ प्रोटीन करेंगे जिनका नाम Annulus प्रोटीन है। यह प्रोटीन की डिस्क है जो यह तय करेंगे कि यहां से आरएनए और प्रोटीन का एक्सचेंज होगा।
केंद्रक द्रव्य किसे कहते हैं? What is nucleoplasm in hindi?
केंद्रक द्रव्य गाढ़ा तरल पदार्थ होता है जिसमें कई पदार्थ पाए जाते हैं। जैसे- न्यूक्लियोटाइड, न्यूक्लियोसाइड, एंजाइम ATP, लवण।
न्यूक्लियोटाइड और न्यूक्लियोसाइड किसे कहते हैं?
दोस्तों फास्फेट, शर्करा और नाइट्रोजन क्षार तीनों मिलकर न्यूक्लियोटाइड कहलाते हैं। जबकि सिर्फ शर्करा और नाइट्रोजन क्षार मिलकर न्यूक्लियोसाइड कहलाते हैं।
केंद्रिका Nucleolus
यह एक झिल्लीहीन संरचना होती है। जो केंद्रक के अंदर पाई जाती है यह rRNA और प्रोटीन से बनी होती है। जिस rRNA से यह बनी होती है उसका निर्माण केंद्रिका के अंदर ही होता है। यानी कि केंद्रिका राइबोसोम की फैक्ट्री कहलाता है। राइबोसोम प्रोटीन का निर्माण करता है जिस वजह से राइबोसोम प्रोटीन का फैक्ट्री कहलाता है।
क्रोमेटिन (Chromatin)
क्रोमेटिन शब्द किसने दिया वैज्ञानिक फ्लेमिंग ने दिया। क्रोमेटिन एक अम्लीय पदार्थ होता है। यह केंद्रक के अंदर जाल जैसी संरचना होती है और यह जाल क्रोमेटिड का बना होता हैं। Chromatid को हिन्दी में अर्ध गुणसूत्र कहते हैं। यह अर्ध गुणसूत्र न्यूक्लियोसोम के बने होते हैं और न्यूक्लियोसोम डीएनए और हिस्टोन से बने होते हैं।
इसके अलावा इसमें RNA और नॉनहिस्टोन प्रोटीन भी पाए जाते हैं। यही अर्थ गुणसूत्र कोशिका विभाजन के समय जुड़कर एक पूरा गुणसूत्र (Chromosome) बनाती है यानी कि दो अर्ध गुणसूत्र आपस में जुड़कर एक पूर्ण गुणसूत्र का निर्माण करती है।
क्रोमेटिन के प्रकार (Types of Chromatin)
क्रोमेटिन दो प्रकार के होते हैं।
- यूक्रोमेटिन – यह वे क्रोमेटिन होते हैं जिनमें डीएनए की मात्रा ज्यादा होती है और प्रोटीन की मात्रा कम होती है। यह आनुवंशिक रूप से सक्रिय होते हैं और इनका अभिरंजन हल्का होता है।
- हेटेरोक्रोमेटिन – यह वे क्रोमैटिन होते हैं जिनमें DNA की मात्रा कम होती है और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। यह अनुवांशिक रूप से सक्रिय नहीं होते हैं और इनका अभिरंजन गाढ़ा होता है।
सूक्ष्मकाय (Microbodies)
यह छोटी-छोटी एकल काय झिल्ली युक्त संरचना होती है जिसमें एंजाइम पाए जाते हैं। यह दोनों पादप और जंतु कोशिका में मिलती है।
सूक्ष्मकाय कितने प्रकार के होते हैं?
यह कई प्रकार के होते हैं लेकिन हम इस लेख में दो प्रकार के बारे में बात करेंगे जो जरूरी है।
Peroxisome –
इसे uricosome कहते हैं। यह पादप और जंतु दोनों कोशिकाओं में पाए जाते हैं।
Peroxisome के कार्य (Function of peroxisome) –
जंतु कोशिकाओं में पाए जाने वाले peroxisome में एक एंजाइम मिलता है जिसका नाम Catalase है। जंतुओ के अंदर एक विषैला पदार्थ बनता है जिसका नाम है पराक्साइड (H2O2)। इस विषैले पदार्थ को जल और ऑक्सीजन में तोड़ने का काम catalase एंजाइम करता है।
पादपो में एक Waste full प्रक्रिया होती है जिसे प्रकाश श्वसन (फोटो रेस्पिरेशन) भी कहते हैं इस प्रक्रिया में एनर्जी बनती नहीं बल्कि खर्च होती है। यह प्रक्रिया तीन कोशिकाओं में होती है। हरित लवक माइटोकांड्रिया और peroxisome। तो peroxisome पादपो के अंदर एक प्रक्रिया में भाग ले रहा है जो waste full प्रक्रिया होता है जिसका नाम प्रकाश श्वसन है। इस प्रक्रिया में यह peroxisome भाग लेता है।
Glyoxysome –
इसे glyoxysome ही कहते हैं। यह सिर्फ पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं।
कार्य –
यह पादपो के बीजों में पाया जाता है कौन से बीजो में पाया जाता है जो बीज अंकुरित होते हैं मुख्य रूप से अरंड और मूंगफली में पाया जाता है। अब बात आती है कि यह इन अंकुरित बीजों के अंदर क्या कार्य करता है। दोस्तों Glyoxysome के अंदर एक चक्र चलता है जिसका नाम है Glyoxylic acid चक्र। इस चक्र के अंदर जो वसा या लिपिड होता है उसे कार्बोहाइड्रेट में बदलता है क्यों बदलता है क्योंकि उसी कार्बोहाइड्रेट से एनर्जी उत्पन्न होती है और उसी एनर्जी का यूज करके बीज अंकुरित होता है।
केंद्रक के कार्य (Function of Nucleus)
दोस्तों केन्द्रक कोशिका को नियंत्रित करने का कार्य करता है इसलिए यह कोशिका का नियंत्रक केन्द्र भी है। यह कोशिका में आवश्यक एंजाइमों के संश्लेषण को नियंत्रित करके कोशिका की सभी चयापचय गतिविधियों को नियंत्रित करता है। इसके साथ – साथ केंद्रक माता-पिता से संतानों में लक्षणों की विरासत को नियंत्रित करता है। यह लक्षणों के विकास के लिए उत्तरदायी है।
दोस्तों हम क्या हैं और कैसे दिखते हैं यह उन जीनों (आनुवांशिक पदार्थ) से निर्धारित होता है जो हमें अपने माता-पिता से विरासत में मिले हैं। ये जीन केन्द्रक के गुणसूत्रों में मौजूद होते हैं। दोस्तों वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कई एक्सपेरिमेंट नाभिक की भूमिका को दर्शाते हैं।
Conclusion
दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको इस लेख में, केन्द्रक किसे कहते हैं के बारे में दी गई जानकारी पसंद आयी होगी और यह लेख आपके लिए हेल्पफुल रहा होगा और उम्मीद करता हूँ कि आप इस लेख को किसी एक ग्रुप में शेयर जरूर करेंगे धन्यवाद।
FAQs
किस प्रकार की कोशिका में केंद्रक नहीं पाया जाता है?
Prokaryotic कोशिकाओ में केन्द्रक नहीं पाया जाता है।
केंद्रक द्रव्य किसे कहते हैं?
केन्द्रक के अंदर गाढ़ा तरल पदार्थ पाया जाता है जिसे केंद्रक द्रव्य कहते है।
केंद्रक की खोज कब हुई?
केंद्रक की खोज 1831 में हुई।
केंद्रक चारों ओर से किस पदार्थ से घिरा होता है?
केन्द्रक चारो ओंर से कोशिका द्रव्य से घिरा होता है।