नमस्कार दोस्तों क्या आप यूग्लीना (Euglena in Hindi) के बारे में जानना चाहते है यदि हाँ तो यह आर्टिकल आप ही के लिए है क्योकि इस आर्टिकल में हम यूग्लीना के बारे में कम्पलीटली अध्यन करेंगे तो चलिए शुरू करते है।
सबसे पहले हम इसके वर्गीकरण के बारे में पढ़ लेते है।
यूग्लीना का वर्गीकरण (Classification of Euglena in Hindi) –
Kingdom | Protista |
Phylum | Protozoa |
Subphylum | Sarcomastigophora |
Superclass | Mastigophora |
Class | Phytomastigophora |
Order | Euglenida |
Genus | Euglena |
यूग्लीना क्या है? (What is Euglena in Hindi?)
यूग्लीना एकल कोशिकीय सूक्ष्म जीव है और इनमे जो कोशिका होता है वह यूकैरियोटिक होता है। यह एक जलीय जीव है। और यह ज्यादातर स्वच्छ जल में पाए जाते है।
जैसे – नदी, तालाब, पोखरा, सरोवर आदि ये बरसात के मौसम में इतना प्रचुर मात्रा में हो जाते है कि जल का रंग हरा हो जाता है।
यूग्लीना की बाहरी संरचना (External Structure of Euglena) –
Reservoir –
यूग्लीना के शरीर का जो अगला भाग होता है उसमे कीप (Funnel) के आकार का गड्ढा होता है। जिसे Reservoir कहते है यह पदार्थो को स्टोर करके रखता है। जैसे – भोजन या स्टार्च, आयल,आदि।
और यह नलिका के रूप में बाहर खुलता है इस खुले हुए छिद्र को साइटोंस्टोम या कोशिका मुख (cell mouth) कहते है। इस मुख के नीचे वाले भाग को कोशिका ग्रसनी या cytopharynx या gullet कहते है। यूग्लिना का आकार 53 – 100 माइक्रोन होता है। यूग्लिना का एक सिरा blunt और दूसरा सिरा pointed होता है।
कशाभिका (Flagella) –
Reservoir के आधार से एक लम्बी धागे जैसी संरचना निकली होती है जिसे कशाभिका कहते है। यही से एक और छोटा सा कशाभिका निकला होता है। यानि कि इनमे दो कशाभिका होते है। यह कशाभिका यूग्लिना को तेजी से गति करने में सहायता करते है।
Pellicle –
देखिये, यूग्लीना में कोशिका भित्ति नही होती है लेकिन इस कोशिका भित्ति की जगह पर एक लचीलीदार प्रोटीनयुक्त झिल्ली होती है जिसे Pellicle कहते है। यह कोशिका के आकृति (Shape) को बनाये रखती है यानि कि यह कोशिका को चारो तरफ से घेरे होती है।
आंतरिक संरचना (Internal Structure) –
Stigma –
जहाँ से कशाभिका निकली होती है उस आधार के निकट एक संरचना पायी जाती है जिसे प्रकाश दृक बिंदु (Photosensitive Eye spot) या Stigma कहते है। इसका कार्य यूग्लीना को प्रकाश की तरफ ले जाना है।
Basal body –
बेसल बॉडी वह बॉडी होती है जिससे कशाभिका जुड़ा होता है।
संकुचनशील धानी (Contractile vacuole) –
यह यूग्लीना के शरीर के अन्दर जल की मात्रा को नियंत्रित रखता है यानि की अगर इनके शरीर के अन्दर जल की मात्रा अधिक हो जाती है तो यह एक्स्ट्रा जल को बाहर निकाल देता है। इस contractile vacuole के चारो ओर छोटे – छोटे सहायक धानी (Accessory vacuole) होते है जो जल को नियंत्रित करने में मदद करते है।
हरित लवक (Chloroplast) –
आपको पता होगा कि हरित लवक एक प्रकाश संश्लेषी वर्णक है और इस वर्णक से यूग्लिना दिन में प्रकाश संश्लेषण करके अपना भोजन बनाते है।
Paramylon Granule/ Mitochondrion –
यह यूग्लीना के अन्दर ऊर्जा उत्पन्न करने का कार्य करता है।
केन्द्रक (Nucleus) –
इसके अन्दर Nucleolus होता है जिसमे आनुवांशिक पदार्थ होते है।
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यूग्लीना में पोषण (Nutrition in Euglena) –
यूग्लीना मिश्रित पोषी होता है। इसका मतलब यह स्वपोषी और परपोषी दोनों होते है। कैसे होते है चलिए जानते है देखिये इनमें क्लोरोप्लास्ट होता है यह आप जानते है। इस Chloroplast से यूग्लिना दिन में प्रकाश संश्लेषण करके अपना भोजन स्वयं बना लेते है यानि कि स्वपोषी होते है।
लेकिन रात में प्रकाश नही होने कारण प्रकाश संश्लेषण नही कर पाते है तो रात में ये अपने भोजन के लिए Diatom/Dinoflagellates का भक्षण करते है यानि कि ये परपोषी भी होते है। इसलिए इन्हें मिश्रित पोषी कहा जाता है। ये अपने भोजन को Paramylon के रूप में संचित किये होते है।
यूग्लिना में प्रजनन (Reproduction in Euglena in hindi) –
यूग्लिना अनुकूल परिस्थिति में अपनी कोशिका को लम्बवत रूप में दो भागो में बाँट लेता है जिसे अनुदैर्ध्य द्विविखंडन (Longitudinal binary fission) कहते है। इनमे इसी प्रकार का प्रजनन होता है। लेकिन ये विपरीत परिस्थितियों में बहुविखंडन, Palmella stage और Encystment प्रकार का भी प्रजनन करते है।
यानि कि यह विपरीत परिस्थिति में अपने चारो तरफ एक पुटी (Cyst) का निर्माण करते है और कोशिका के अन्दर विखंडन करते है और जब अनुकूल परिस्थिति आता है तो यह सिस्ट टूट जाता है और कोशिकाए बाहर आ कर एक नये जीव में विकसित हो जाती है।
यूग्लिना पादप और जंतु दोनों के लक्षणों की कड़ी है मतलब इनमे पादप और जंतु दोनो के लक्षण पाए जाते है।
पादप के लक्षण –
ये प्रकाश संश्लेषण करते है।
पादप समभोजी पोषण (Holophytic Nutrition) करते है।
जंतु के लक्षण –
इनमे कोशिका भित्ति नही होती है। इसकी जगह पर प्रोटीन युक्त पेलिकल होता है।
इसमें संवेदी अंग होना। जैसे – स्टिग्मा और paraflagellar body होता है।
संकुचनशील धानी का होना और अनुदैर्ध्य द्विविखंडन करना जो जंतुओं के लक्षण है।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर –
यूग्लीना में चलन अंग होते हैं?
हाँ ये कशाभिका से गति करते है।
यूग्लीना में क्लोरोफिल पाया जाता है?
हाँ, क्लोरोफिल-a और क्लोरोफिल-b पाया जाता है।
यूग्लीना में जनन अंग होते हैं?
नहीं, लेकिन ये प्रजनन करते है।
यूग्लीना कौन से जगत का जीव है?
यह Protista जगत का जीव है।
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Conclusion –
दोस्तों आज हम लोगो ने यूग्लीना (Euglena in hindi) के बहुत से चीजो के बारे में पढ़ा है।
दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको यूग्लीना (Euglena in Hindi) के बारे में दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी दोस्तों अगर यह जानकारी पसंद आयी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिये जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके।
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धन्यवाद