हेलो दोस्तों आज हम संघ पोरिफेरा (Phylum Porifera in Hindi) के बारे में पूरी तरह से जानेंगे। इसी में इसके विशेषताओ और वर्गीकरण के बारे में भी जानेंगे तो दोस्त अगर आप संघ पोरिफेरा (Phylum Porifera in Hindi) के बारे में जानना चाहते है, तो यह आर्टिकल आप ही के लिए है तो चलिए शुरू करते है।
संघ पोरिफेरा (Phylum porifera in Hindi) किसे कहते है?
- फाइलम पोरिफेरा शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा से हुआ है।
- Porifera लैटिन भाषा के Poros से हुआ है जिसका अर्थ pore या छिद्र होता है।
- इस संघ के जंतु के शरीर पर बहुत से छिद्र होते है इन्हें सामान्यतः स्पंज कहते है।
Characters of phylum porifera in Hindi –
- बहु कोशिकीय जीवों का शरीर कोशकीय ग्रेड का बना होता है।
- सभी जलीय जंतु केवल खारे जल में या समुद्री जल में पाए जाते है। लेकिन कुछ जंतु स्वच्छ जल में भी पाए जाते है।
- परिवर्तनशील शरीर के साथ ये पौधे की तरह निश्चित रूप में होते है।
- ये एकांतवाशी या औपनिवेशिक जंतु होते है।
- इनका शरीर असममित या त्रिज्यात सममित इनमे से कोई एक होता है।
- इनके शरीर की सतह पर बहुत से छिद्र होते है, और ये छिद्र जल आने जाने के लिए होता है, और यह ओस्टिया पानी के लिए भीतर की ओर बहाव का कार्य करता है। पानी ओस्टिया से होकर चैम्बर में पहुँचता है। फिर चैम्बर से केन्द्रीय गुहा में पहुँचता है, और अंत में शरीर के अंतिम छिद्र ओस्कुलुम के द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
- इनके देहभित्ति के साथ में बाहर की तरफ से pinacoderm (dermal epithelium), अन्दर की तरफ से choanoderm (gastral epithelium) होता है, और इनके बीच में पतला सा अकोशकीय mesenchyma होता है।
- इनमे भोजन और पाचन के लिए निश्चित अंग नही होते है। इनमे पाचन अन्तः कोशकीय होता है।
- इनमे पानी की धरा शरीर में खाद्य जीवों और ऑक्सीजन को लाने और उत्सर्जन और प्रजनन उत्पादों को आगे ले जाने का काम करती है।
- इनमे कोशिकाए ढीले या शिथिल व्यवस्थित होते है, और ये निश्चित लेयर के रूप में नहीं होते है। अतः ये सही रूप से डिप्लोब्लासटिक नहीं होते है।
- Choanocytes मुख्यतः विशेष रेखा वाले कक्ष होते है। choanocytes केवल स्पंजो में उपस्थित होते है।
- इनमे संवेदी और तंत्रिका कोशिकाएं नही होते है। लेकिन प्रत्येक कोशिका सीधे उत्तेजित होती है, और संवेदनाओं को अन्य कोशिकाओं तक भी पहुंचाती है।
- सभी स्पंज द्विलिंगी होते है, लेकिन क्रॉस निषेचन एक नियम है।
- इनमे अलैंगिक प्रजनन buds या gemmules द्वारा होता है।
- इनमे लैंगिक प्रजनन अंडाणुओ और शुक्राणुओ द्वारा होता है।
- स्पंजो में पुनर्जनन की बड़ी शक्ति होती है।
- एक मुक्त तैराकी सिलियेट लार्वा का विकास एम्फीब्लास्टुला या पैरेन्काइमा के माध्यम से अप्रत्क्ष रूप से होता है।
Classification of phylum porifera in Hindi –
संघ पोरिफेरा के तीन वर्ग में स्पंज समूहों के 5000 से अधिक प्रजातियों को शामिल किया गया है। हाल ही में बैज्ञानिक Bergquist ने 1978 में स्पंजो को उनके प्रकृति और कंकाल के विशेषताओ के आधार पर तीन वर्गो में विभाजित किये है जो निम्नलिखित है।
Classes –
- Calcarea or Calciospongiae
- Hexactinellida or Hyalospongiae
- Demospongiae
Class 1, Calcarea or Calciospongiae –
- कैल्सियम युक्त (Calcareous) स्पंज छोटे आकार के होते है, और इनकी ऊँचाई 10cm से नीचे होती है।
- ये एकांतवाशी या औपनिवेशिक होते है।
- इनका शरीर बेलनाकार या घड़े के आकार का होता है।
- इनका कंकाल कैल्सियम युक्त spicules (calcareous spicules) का बना होता है। जो एक, तीन या चार रैयत (rayed) का बना होता है।
- इनका शरीर संगठन asconoid, syconoid, or lenconoid प्रकार का हो सकता है।
- ये सभी समुद्री जल में पाए जाते है।
- Class calcarea को दो आर्डर में बाँटा गया है।
ORDER 1. Homocoela –
- अस्कोनोइड स्पंज के साथ में त्रिज्या सममित और बेलनाकार के रूप में शरीर होता है।
- इनका देह्भित्ति पतला और unfolded होता है, स्पंजो में choanocytes रेखा होती है।
- ये प्रायः औपनिवेशिक होते है।
- Example – Leucosolenia, Clathrina
ORDER 2. Heterocoela –
- इन स्पंजो का शरीर syconoid और leuconoid होने के साथ में पतली भित्ति और घड़े के आकार का होता है।
- Choanocytes में रेडियल नालियां पाई जाती है, या इनमे केवल flagellated चैम्बर होते है।
- ये एकांतवाशी या औपनिवेशिक होते है।
- Example – Schypha (Sycon), Grantia.
Class 2. Hexactinellida or Hyalospongiae –
- सामान्यतः इन्हें ग्लास स्पंज के रूप में जानते है।
- ये स्पंज मध्यम आकार के होते है, और कुछ स्पंजो की लम्बाई 1 मीटर तक पहुँच जाती है।
- इनका कंकाल Triaxon (six-rayed) सिलिका युक्त spicules का बना होता है।
- इनका शरीर बेलनाकार, कीप के आकार या कप के आकार का होता है।
- इनमे dermal epithelium नही होता है।
- इनका नलिका तंत्र जटिल होता है, और इनके शरीर का संगठन syconoid प्रकार का होता है।
- Choanocytes उंगली के आकार के कक्षों या चैम्बर तक सीमित होता है।
- सभी समुद्री होते है। अधिकांश गहरे समुद्र में पाए जाते है। इस वर्ग को दो आर्डर में विभाजित किया गया है।
ORDER 1. Hexasterophora –
- इनके कंटक (spicules) तारा के आकार (six-rayed) के होते है। इसलिए इन्हें hexasters कहते है।
- Amphidiscs अनुपस्थित होता है।
- Flagellated कक्ष नियमित रूप से और त्रिज्यात में व्यवस्थित होता है।
- मुख्य रूप से यह सीधे आधार या नींव से जुड़े होते है।
- Example – Euplectella (Venus’s flower basket), Farnera, Staurocalyptus.
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ORDER 2. Amphidiscophora –
- Amphidisc के साथ में कंटको यानि की उत्तल डिस्क के साथ दोनों सिरों पर पीछे की ओर निर्देशित किनारे का दांत होते हैं, दोनों में Hexasters अनुपस्थित होते हैं।
- यह जड़ो के लम्बाई के द्वारा आधार से जुड़ा होता है।
- Example – Hylonema (glass-rope sponge) Pheronema (bowl sponge).
Class 3. Demospongiae –
- ये स्पंज छोटे से लेकर बड़े आकार के होते है, और एकांतवाशी या औपनिवेशिक होते है।
- इनका शरीर एक कप या फूलदान या सुगठित जैसा होता है।
- इनका कंकाल सिलिका युक्त कंटक या स्पोंजिन तंतुओ या दोनों का बना होता है।
- कंटक monaxon या tetraxon इनमे से कोई एक होता है, लेकिन कभी भी triaxon नही होता है। ये microscleres (छोटा आकार) और macroscleres या megascleres (बड़ा आकार) में विभेदित होते है।
- इनका नाल प्रणाली तंत्र लयूकोनोइड प्रकार का होता है। छोटे गोलाकार कक्षों से choanocytes प्रतिबंधित होता है।
- सभी समुद्री होते है, लेकिन एक फैमिली के स्पंज स्वच्छ जल में रहते है, जिसका नाम Spongillidae है।
- क्लास Demospongiae को तीन उपवर्ग में बाँटा गया है।
Subclass (1) Tetractinellida –
- कंटक सिलिका युक्त और tetraxon (four rayed) का बना होता है, या अनुपस्थित होता है।
- इनमे स्पोंजिन तंतु नही होते है।
- मुख्य रूप से ये छिछले पानी में पाए जाते है।
- इसमें तीन आर्डर में शामिल किया गया है।
ORDER 1. Myxospogida –
- इसमें कंटक और स्पोंजिन तंतु दोनों अनुपस्थित होते है।
- इनकी संरचना साधारण होती है।
- Example – Oscarella, Halisarca.
ORDER 2. Carnosa or Microsclerophora –
- इनमे micro और megascleres अस्पष्ट होते है।
- सभी कंटक monaxons होते है, tetraxons अनुपस्थित होता है।
- Example – Chondrilla and Plankia.
ORDER 3. Choristida –
- इसमें micro और megascleres दोनों उपस्थित होते है। लंबी अक्षीय के साथ में tetraxon होता है।
- Example – Thenea, Geodia.
Subclass (2) Monaxonida –
- कंटक सिलिका युक्त और monaxon प्रकार का होता है।
- स्पोंजिन तंतु उपस्थित या अनुपस्थित हो सकता है।
- मुख्य रूप से यह छिछले जल में पाए जाते है, लेकिन कुछ गहरे समुद्र के अन्दर या स्वच्छ जल में रहते है।
ORDER 1. Hadromarina –
- इनमे स्पोंजिन तंतु नही होते है।
- Megascleres के दोनों अंतिम छोरों पर गाँठ होता है इसे Tylostyles कहते है।
- Microscleres जब उपस्थित होता है। तारा के आकृति का होता है।
- Example – Cliona (boring sponge-that bores in the molluscan shell), Pterion, Donatia.
ORDER 2 : Halichondrina –
- स्पोंजिन तंतु बहुत छोटे होते है।
- Megascleres कई प्रकार के होते है। ये मुख्य रूप से 2-rayed होते है।
- Microscleres मुख्यतः अनुपस्थित होते है।
- Example – Halichondria (crumb of bread sponge)
ORDER 3. Poecilosclerina –
- इनमे बड़े कंटक होते है या megascleres कई प्रकार के होते है। और स्पोंजिन तंतु के साथ में संगठित होते है। और एक नियमित जाल के रूप में होते है।
- Microscleres (छोटे कंटक) C-आकार, मुड़ा हुआ या धनुष के आकार के होते है।
- Example – Microciona, Myxitta.
ORDER 4. Haplosclerina –
- Megascleres केवल एक प्रकार का होता है। इनके पास केवल 2-rayed होते है।
- Microscleres उपस्थित या अनुपस्थित हो सकता है।
- स्पोंजिन तंतु उपस्थित होता है।
- Example – Chalina (mermaid’s gloves), Spongilla, Ephydatia.
Subclass (3) Keratosa –
- ये कामोत्तेजित स्पंज होते है।
- इनका कंकाल केवल स्पोंजिन से युक्त होता है।
- इनमे कंटक अनुपस्थित होते है।
- Example – Euspongia (bath sponge), Hippospongia (horse sponge), Hircinia.
Conclusion –
आज हम लोग इस आर्टिकल में संघ पोरिफेरा (Phylum Porifera in Hindi), विशेषता (characters), और वर्गीकरण (classification) के बारे में जाना।
तो दोस्त आशा करता हूँ, कि आपको phylum porifera in hindi के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई होगी। तो अगर यह जानकारी पसंद आई है, तो इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
Thank you so much