हेलो दोस्तों आज हम लोग जानेगे कि रसायन विज्ञान किसे कहते है? (what is chemistry in hindi) इसके बारे में स्टेप बाई स्टेप जानेंगे तो चलिए शुरू करते है।
रसायन विज्ञान किसे कहते है? (what is chemistry in hindi)
रसायन विज्ञान की परिभाषा –
रसायन विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है, जिसमे पदार्थो के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान इनमे हुए परिवर्तनों का अध्ध्यन किया जाता है रसायन विज्ञान (Chemistry in hindi) कहलाता है। इस अध्ध्यन से पदार्थ के मौलिक अवयवों परमाणुओं और अणुओं के माध्यम से अच्छी तरह से जाना एवं समझा जा सकता है। इस वजह से रसायनशास्त्र को परमाणुओं और अणुओं का विज्ञान कहते है।
रसायन विज्ञान के जनक कौन है? Who is father of chemistry in hindi?
रसायन विज्ञान के जनक Antione Laurent de Lavoisier को कहा जाता है।
रसायन विज्ञान के प्रकार –
अकार्बनिक रसायन (Inorgannic Chemistry)
कार्बनिक रसायन (Organic Chemistry in hindi)
भौतिक रसायन (Physical Chemistry in Hindi)
जैव रसायन (Biochemistry in hindi)
वैश्लेषिक रसायन (Analytic Chemistry in hindi)
औद्योगिक रसायन (Industrial Chemistry in hindi)
औषधीय रसायन (Medicinal Chemistry in hindi)
नाभिकीय रसायन (Nuclear Chemistry in hindi)
कृषि रसायन (Agricultural Chemistry in hindi )
पर्यावरणीय रसायन (Environmental Chemistry in hindi)
सैद्धांतिक रसायन (Theoretical Chemistry)
हरित रसायन (Green Chemistry)
सामान्य रसायन (General Chemistry) आदि और भी इसके प्रकार है।
रसायन विज्ञान का महत्व –
हमारे जीवन में रसायन विज्ञान का बहुत ही अधिक महत्व है। मनुष्य के जीवन लेवल को ऊपर उठाने के लिए खाना, स्वास्थ्य सुविधा की वस्तुए और दूसरे समान की जरूरत को पूरा करने में रसायन विज्ञान बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमें अपने जीवन के लगभग हर क्षेत्र में किसी न किसी रूप में रासयनिक सामानों की मदद लेनी पड़ती है। मानव के जीवन में रसायनशास्त्र का प्रमुख यूज़ और इम्पोर्टेंस निम्नलिखित है –
खाद्य-पदार्थ (Food materials) –
लगातार बढ़ रही जनसँख्या को उचित मात्रा में खाद्य पदार्थ या खाने वाले वस्तुओ को उपलब्ध कराने में रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका है। मनुष्य की सर्वप्रथम आवश्यकता भोजन है विभिन्न प्रकार के पौष्टिक और स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ जैसे – अचार, चटनी, शराब, जेली, चीनी, वनस्पति घी, चाकलेट, बिस्कुट, कस्टर्ड पाउडर. चाय, कॉफ़ी आदि पदार्थ रसायन विज्ञान की ही देन है।
उर्वरक (Fertilizers) –
फसल की पैदावार को बढ़ाने के लिए कृत्रिम उर्वरकों; जैसे – यूरिया, सुपर फॉस्फेट ऑफ़ लाइम. अमोनियम सल्फेट, पोटैशियम नाइट्रेट आदि का उपयोग किया जाता है। ये सब रसायन विज्ञान की ही तो देन है।
जीवाणुनाशक/कीटनाशक (Bactericides / Insecticides) –
बेन्जीन हेक्साक्लोराइड (B.H.C.), ऐल्ड्रिन, डाईऐल्ड्रिन आदि रासायनिक पदार्थ पौधों को कीटाणुओं तथा रोगों से बचाते है। इन रासायनिक पदार्थो को जीवाणु नाशक / कीटनाशक कहते है नगरो में प्रदूषित जल को पीने योग्य बनने के लिए भी रासायनिक यौगिको का (जैसे- पोटैशियम परमैगनेट, क्लोरीन आदि) का प्रयोग किया जाता है।
स्वास्थ्य रक्षा (Health Care) –
बॉडी को स्वस्थ और नीरोग बनाये रखने के लिए रसायन विज्ञान ने अनेक प्रभावशाली औषधियाँ प्रदान की है। रसायन विज्ञान द्वारा ही कैंसर की चिकित्सा में प्रभावी औषधियाँ (जैसे- सिसप्लैटिन तथा टैक्सोल) और एड्स से ग्रस्त रोगियों के इलाज के लिए उपयोग में आने वाली औषधि एजिडोथाईमिडीन (AZT) के जैसे अनेक जीवन को बचाने वाली औषधियाँ पौधों और प्राणी-स्रोतों से प्राप्त या बनाई गई है इसके अतिरिक्त कुछ प्रमुख औषधियाँ निम्नवत है –
प्रतिजैविक (Antibiotics) – पेनिसिलिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन, ओरोमाइसिन, क्लोरोमाइसीटिन आदि
ऐल्केलायड (Alkaloids) – कुनैन, कोफीन, ऐट्रोपीन आदि।
सल्फा ड्रग्स (Sulpha drugs) – सल्फाडाइजीन, सल्फापिरीडीन, सल्फाथायोजोल आदि।
जर्मनाशी (Germicides) – क्लोरोबेन्जीन, डेटॉल आदि जर्मनाशी पदार्थो के प्रयोग से संक्रामक रोगों को फ़ैलाने से रोका जा सकता है।
निश्चेतक (Anaesthetics) – क्लोरोफ़ॉर्म, कोकेन, प्रोकेन, एथिलीन, ईथर आदि।
पूतिरोधी (Antiseptics) – पैराजोन, टोमेस्टास, ब्रोबाट आदि।
5. वस्त्र (Clothes) –
रसायन विज्ञान की मदद से अनेको प्रकार के कृत्रिम कपड़ो को बनाया गया है। जैसे – नायलॉन, टेरीलीन, डेक्रान, आरलान, रेयान आदि।
भवन निर्माण सामग्री (Building construction materials) –
भवन निर्माण के लिए उपयोगी वस्तुएं, जैसे सीमेन्ट, चूना, लोहा, ऐस्बेस्टास, वाटर प्रूफ आदि पदार्थ भी रसायन विज्ञान की ही देन है।
प्लास्टिक तथा काँच (Plastic and Glass) –
आजकल अनेक उपयोगी वस्तुओ का निर्माण प्लास्टिक तथा काँच से होने लगा है। प्लास्टिक और काँच रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण देन है। गिलास, बाल्टी, डिब्बे, शीशी, नल की टोटी, थैला, बरसाती एवं टेबल क्लाथ के रूप अब प्लास्टिक का प्रयोग होने लगा है।
NEET के लिए कम्पलीट नोट्स बुक –
NEET Teachers के द्वारा एकदम सरल भाषा में लिखी गई नोट्स बुक 3 in 1, यानि कि एक ही किताब में जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान की कम्पलीट कोर्स। यदि आपको इसकी जरूरत है तो नीचे दिए गये बुक इमेज पर क्लिक कीजिये और इसके बारे में और भी जानिए।
सौन्दर्य प्रसाधन (Cosmetics) –
सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में काम आने वाले सुगन्धित तेल, क्रीम, स्नो पाउडर, विभिन्न प्रकार के साबुन, लिपस्टिक, सिन्दूर, काजल, सुरमा, खिजाब आदि पदार्थ रसायन विज्ञान की ही तो देन है।
ईधन (Fuels) –
पेट्रोल, पावर एल्कोहाल, ईधन गैसे (कोल गैस, प्रोड्यूसर गैस, तेल गैस आदि), डीजल तेल आदि विभिन्न प्रकार के वाहनों (मोटरगाड़ी, वायुयान, रेलगाड़ी आदि) के चलाने में ईधन के रूप में प्रयोग किये जाते है।
धातुये तथा मिश्रधातुये (Metals and Alloys) –
सोना, चाँदी, लोहा, तांबा, एलुमिनियम आदि धातुये इंसानों के लिए बहुत ही उपयोगी है। इन्ही धातुओ से बहुत से मिश्र धातुएं बनायी जा चुकी है इनमे से स्टील, पीतल, कांसा, जर्मन सिल्वर, हिन्डोलियम जैसी लगभग सौ मिश्र धातुये हमारे नित्यप्रति के कार्यों में पयुक्त होती है। ये सभी रसायन विज्ञान की ही तो देन है।
विशिष्ट पदार्थों का संश्लेषण (Synthesis of Sphecific materials) –
रासायनिक सिधान्तो का ज्ञान भली भांति होने के बाद अब विशिष्ट चुम्बकीय, विद्युतीय और प्रकाशीय गुणधर्मयुक्त पदार्थ संश्लेषित करना संभव हो गया है। जिसके फलस्वरूप अतिचालक सिरेमिक, सुचालक बहुलक, प्रकाशीय फाइबर (तंतु) सदृश पदार्थ संश्लेषित किये जा सकते है और ठोस अवस्थीय पदार्थों को लघु रूप में विकसित किया जा सकता है।
पर्यावरणीय प्रदूषण पर नियंत्रण (Control over Environmental Pollution) –
पिछले कुछ वर्षों में रसायन विज्ञान की मदद से पर्यावरणीय प्रदूषण से सम्बंधित किछ गंभीर समस्याओ को काफी सीमा तक नियंत्रित किया जा सका है।
उदाहरणार्थ – समताप मंडल (stratosphere) में ओजोन अवक्षय (ozone depletion) उत्पन्न करने वाले एवं पर्यावरण प्रदूषक क्लोरोफ्लुओरोकार्बन (CFCs) जैसे पदार्थों के विकल्प सफलतापूर्वक संश्लेषित कर लिए गये है। परन्तु अभी भी पर्यावरण की अनेक समस्याएँ रसायनविदो के लिए गंभीर चुनौती बनी हुई है ऐसी ही एक समस्या ग्रीन हाउस गैसों (जैसे – मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड आदि) का प्रबंधन है।
रसायनविदो की भावी पीढ़ियों के लिए जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं की समझ, रसायनों के व्यापक स्तर पर उत्पादन हेतु एंजाइमो का उपयोग और नवीन मोहक पदार्थों का उत्पादन कुछ बौद्धिक चुनौतियाँ है। इन सभी चुनौतियों एवं अनेकानेक कार्यों हेतु हमें सदैव ही रसायन विज्ञान की सहायता की आवश्यकता रहेगी। इस प्रकार स्पष्ट है कि हमारे दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान का योगदान अभूतपूर्व है।
दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको रसायन विज्ञान किसे कहते है? (What is chemistry in hindi) के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई होगी। दोस्त अगर यह जानकारी पसंद आयी है। तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ अधिक से अधिक शेयर करे जिससे उन्हें भी इसका फायदा मिल सके।
धन्यवाद